इस एपिसोड में - *राजविद्या का संक्षिप्त परिचय। *श्रीमद्भगवद्गीता के नवम अध्याय "राजविद्याराजगुह्य योग" की संक्षिप्त चर्चा। *जिनका चित्त थोडा़ निर्मल हुआ है, उनको हठयोग के साथ राजविद्या का अभ्यास करना चाहिये। *जिसका चित्त शुद्ध हो गया है, वह चाहे हठयोग के सहित राजविद्या का अभ्यास करे अथवा हठयोग के विना ही करे। *जिसकी गुरु और ईश्वर में अनन्य भक्ति है, उसको भी हठयोग के अभ्यास की आवश्यकता नहीं।