दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

योगवासिष्ठ 2.13, अपरोक्षानुभूतिः 6, तत्वबोधः 7- शम और उसका प्रभाव। शमशील के लक्षण क्या हैंं ?


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मोक्षके चार द्वारपाल - शम, विचार, संतोष और सत्संग। इनमेंसे किसी एक को भी साधनेसे शेष तीन स्वतः सधने लगते हैं। फिर भी शम सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। शमेनासाद्यते श्रेयः शमो हि परमं पदम्। शमः शिवः शमः शान्तिः शमो भ्रान्तिनिवारणम्।। शम किसे कहते हैं? शम और दम में क्या अन्तर है? साधन चतुष्टय किसे कहते हैं? शमशील अथवा शान्त व्यक्ति के लक्षण क्या हैं ? यह सब जानने के लिये पूरी क्लिप सुनें।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati