दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

योगवासिष्ठ, 3.5-6 मन की उत्पत्ति


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मन की उत्पत्ति किससे और कैसे हुयी? विश्वका मूल मन है, मन का मूल आत्मा है। आत्मा ही मन और समस्त जगत का मूलतत्व है। आत्माकी प्राप्ति ज्ञानसे होती है, कर्मसे नहीं। ज्ञानकी प्राप्ति साधुसंग और सत्शास्त्रों के अभ्यास से होती है। साधु कौन है ? जिसका आचरण शास्त्रानुसार हो, जिसमें ज्ञान हो तथा जिसमें वैराज्ञ हो। यह तीन जिसमें वह साधु है। सत्शास्त्र क्या हैं ? जिनमें अध्यात्मविद्या का वर्णन हो यथा, उपनिषद , ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता, यह योगवासिष्ठ इत्यादि। अध्यात्म विद्या किसे कहते हैं? जिसमें आत्मा का ज्ञान कराने वाले सिद्धान्त और प्रक्रिया का वर्णन हो। सत्संग और सत्शास्त्रके अभ्यास से विवेक उत्पन्न होता है और विवेकसे ज्ञानके विरोधी तत्व राग द्वेष इत्यादि नष्ट होकर चित्त निर्मल होता है , तदुपरान्त निर्मल चित्तमें आत्माका साक्षात्कार होता है।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati