Kyaa aap jante hain? / Do you know?

आम के आम गुठलियों के दाम | Aam Ke Aam Guthaliyon Ke Daam


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संस्कृत भाषा में आम को आम्रः कहा जाता है, इसी से सभी संस्कृतनिष्ठ भाषाओं जैसे हिन्दी, मराठी, बंगाली, मैथिली आदि भाषाओं में इसका नाम "आम" पड़ गया। मलयालम में आम को मान्न कहा जाता है। पन्द्रहवीं सदी में केरल का कोच्ची एक प्रमुख बंदरगाह हुआ करता था। वर्ष 1498में केरल से मसालों के साथ पुर्तगाली आम और इसका नाम भी अपने देश ले गए। वे लोग इसे मांगा बोलने लगे। सन 1510 तक आम यूरोप में जाना जाने लगा और यूरोपीय भाषाओं में इसी नाम से प्रसिद्ध हुआ। इटालियन से फ़्रांसिसी और अंत में अंग्रेजी में भी इसे शामिल कर लिया गया। पर अंग्रेजी में यह मांगा से मैंगो कैसे हुआ ये अभी तक साफ़ नहीं, पर आप आम खाइये गुठली क्यों गिन रहे हैं?

अतः यह कहा जा सकता है कि इन सभी भाषाओं में मैंगो शब्द की जड़ें, मलयालम भाषा में इसके नाम मान्न में पाई जा सकती हैं।

आम का वैज्ञानिक या बोटैनिकल नाम मैंगीफेरा इंडिका लिन है। आयुर्वेद में आम के पेड़ के हर एक हिस्से का प्रयोग किया जाता है। कच्चा आम, पका हुआ आम, आम के फूल, आम की गुठली, पत्तियाँ और छाल सभी की अलग उपयोगिता है। आम, शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित रखने में सहायक होता है।

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Kyaa aap jante hain? / Do you know?By Asha Gaur