
Sign up to save your podcasts
Or
आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : डॉ. शबनम खानम
प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन
’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक कार्यक्रम ’एक गीत सौ अफ़साने’ में आप सभी श्रोताओं का फिर एक बार स्वागत है। नमस्कार दोस्तों! यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें हम बातें करते हैं किसी एक गीत की, उससे जुड़े तमाम पहलुओं की, गीतों की रचना प्रक्रिया से सम्बन्धित रोचक जानकारियों की, और ज़िक्र होता है दिलचस्प घटनाओं का। जहाँ आज रेडियो, टेलीविज़न और इन्टरनेट पर इस तरह के कार्यक्रमों की भरमार है, वहाँ इन कार्यक्रमों में दी जा रही जानकारियों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग जाता है। ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के इस कार्यक्रम की ख़ास बात यह है कि इसमें दी गई जानकारियाँ और तमाम तथ्य ऐसे साक्षात्कारों से लिए गए होते हैं जो कलाकारों या उनके परिवार जनों द्वारा ही कहे गए होते हैं। स्थापित पत्रिकाओं, आकाशवाणी व दूरदर्शन के स्थापित कार्यक्रमों तथा प्रकाशित पुस्तकों से प्राप्त जानकारियों से सजता है ’एक गीत सौ अफ़साने’।
आज की कड़ी में हम लेकर आए हैं 1980 की फ़िल्म ’’क़ुर्बानी’ के सदाबहार गीत "आप जैसा कोई मेरी ज़िन्दगी में आए" के बनने की रोचक कहानी। साथ ही संगीतकार बिद्दू और गायिका नाज़िया हसन से सम्बन्धित कुछ दिलचस्प जानकारी। फ़िरोज़ ख़ान किसलिए बिद्दू के पास गए फ़िल्म ’क़ुर्बानी’ के एक गीत की उम्मीद लेकर? क्यों और कैसे बिद्दू ने इस गीत के लिए नाज़िया हसन का चुनाव किया? नाज़िआ हसन के गाये इस गीत ने कैसे-कैसे रिकॉर्ड कायम किए? साथ ही वह कौन सा दूसरा गीत है जिसकी धुन पहले तमिल फ़िल्म के लिए बनी, फिर बिद्दू ने उसका इस्तमाल अपने एक हिट अंग्रेज़ी गीत के लिए, और फिर लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल ने इसी धुन पर एक हिन्दी फ़िल्मी गीत बनाया? ये सब कुछ आज के इस अंक में।
आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : डॉ. शबनम खानम
प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन
’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक कार्यक्रम ’एक गीत सौ अफ़साने’ में आप सभी श्रोताओं का फिर एक बार स्वागत है। नमस्कार दोस्तों! यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें हम बातें करते हैं किसी एक गीत की, उससे जुड़े तमाम पहलुओं की, गीतों की रचना प्रक्रिया से सम्बन्धित रोचक जानकारियों की, और ज़िक्र होता है दिलचस्प घटनाओं का। जहाँ आज रेडियो, टेलीविज़न और इन्टरनेट पर इस तरह के कार्यक्रमों की भरमार है, वहाँ इन कार्यक्रमों में दी जा रही जानकारियों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग जाता है। ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के इस कार्यक्रम की ख़ास बात यह है कि इसमें दी गई जानकारियाँ और तमाम तथ्य ऐसे साक्षात्कारों से लिए गए होते हैं जो कलाकारों या उनके परिवार जनों द्वारा ही कहे गए होते हैं। स्थापित पत्रिकाओं, आकाशवाणी व दूरदर्शन के स्थापित कार्यक्रमों तथा प्रकाशित पुस्तकों से प्राप्त जानकारियों से सजता है ’एक गीत सौ अफ़साने’।
आज की कड़ी में हम लेकर आए हैं 1980 की फ़िल्म ’’क़ुर्बानी’ के सदाबहार गीत "आप जैसा कोई मेरी ज़िन्दगी में आए" के बनने की रोचक कहानी। साथ ही संगीतकार बिद्दू और गायिका नाज़िया हसन से सम्बन्धित कुछ दिलचस्प जानकारी। फ़िरोज़ ख़ान किसलिए बिद्दू के पास गए फ़िल्म ’क़ुर्बानी’ के एक गीत की उम्मीद लेकर? क्यों और कैसे बिद्दू ने इस गीत के लिए नाज़िया हसन का चुनाव किया? नाज़िआ हसन के गाये इस गीत ने कैसे-कैसे रिकॉर्ड कायम किए? साथ ही वह कौन सा दूसरा गीत है जिसकी धुन पहले तमिल फ़िल्म के लिए बनी, फिर बिद्दू ने उसका इस्तमाल अपने एक हिट अंग्रेज़ी गीत के लिए, और फिर लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल ने इसी धुन पर एक हिन्दी फ़िल्मी गीत बनाया? ये सब कुछ आज के इस अंक में।