सुदीक्षा जैसी प्रतिभाशाली छात्रा की दर्दनाक मौत पर सिस्टम की रुखाई ने बहुत सवाल खड़े किए , पाश की कविता कितना समीचीन प्रतीत होती है , " सबसे खरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना , सबसे खतरनाक वो आँख होती है जो सब कुछ देखती हुई जमी बर्फ होती है ,
सबसे खतरनाक होता है किसी प्रतिभाशाली बच्चे का सपनों को पूरा किए बगैर ऐसे हादसे मे मर जाना ,,,,,,,,,,,,, सुदीक्षा किसी की भी बेटी हो सकती है,, आपकी हमारी किसी की भी ॥ शांत न रहिए कुछ तो बोलिए