अब तो माधव मोहे उबार |दिवस बीते रैन बीती, बार बार पुकार ||नाव है मझधार भगवान्, तीर कैसे पाए,घिरी है घनघोर बदली पार कौन लगाये |काम क्रोध समेत तृष्णा, रही पल छिन घेर,नाथ दीनानाथ कृष्ण मत लगाओ देर |दौड़ कर आये बचाने द्रौपदी की लाज,द्वार तेरा छोड़ के किस द्वार जाऊं आज |Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.