यह बात सच है कि अहंकार महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि जीवन में आत्म-सम्मान सबसे महत्वपूर्ण है। अहंकार व्यक्ति को खुशियों, संतुष्टि और रिश्तों से दूर कर सकता है और मानसिक संतुलन बिगाड़ सकता है, जबकि आत्म-सम्मान व्यक्ति को आत्म-विश्वास और नैतिकता के आधार पर जीना सिखाता है। अहंकार से अहंकार में अक्सर असंतुष्टि, असंतोष और तनाव रहता है।
अहंकार और आत्म-सम्मान में अंतर
- अहंकार:
अहंकार में व्यक्ति अक्सर अपनी आत्म-महत्व को अत्यधिक महत्व देता है, जो उसे दूसरों की सलाह को नजरअंदाज करने, संबंधों को नुकसान पहुंचाने और अकेलेपन की ओर ले जाता है।
- आत्म-सम्मान:
आत्म-सम्मान का अर्थ है खुद का सम्मान करना, अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखना और सही और गलत के बीच अंतर करना। यह व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है और उसे सही रास्ते पर चलने में मदद करता है।
अहंकार के नकारात्मक प्रभाव
- अहंकारी व्यक्ति अक्सर असंतुष्ट रहता है।
- वह मानसिक रूप से तनाव में रहता है और मनोदैहिक बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है।
- अहंकार व्यक्ति के सामाजिक और आर्थिक जीवन को भी प्रभावित कर सकता है।
- अहंकारी व्यक्ति दूसरों की सलाह को महत्व नहीं देता।
आत्म-सम्मान का महत्व
- आत्म-सम्मान व्यक्ति को मजबूत और आत्मविश्वासी बनाता है।
- यह व्यक्ति को सही और गलत के प्रति दृढ़ रहने में मदद करता है।
- आत्म-सम्मान व्यक्ति को आत्मनिर्भर और खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।
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