रचना के अंत में लेखक ने बहुत कुछ कहने के बाद भी बहुत कुछ बचा रखा है — यह अधूरा नहीं है, यह मौन का सौंदर्य है। यह अंतिम भाग जीवन की यात्रा का वह क्षण है जब आत्मा, प्रेम और स्मृति सब एक हो जाते हैं और केवल मौन बचता है। और शायद वही अंतिम शब्द होता है।
रचना के अंत में लेखक ने बहुत कुछ कहने के बाद भी बहुत कुछ बचा रखा है — यह अधूरा नहीं है, यह मौन का सौंदर्य है। यह अंतिम भाग जीवन की यात्रा का वह क्षण है जब आत्मा, प्रेम और स्मृति सब एक हो जाते हैं और केवल मौन बचता है। और शायद वही अंतिम शब्द होता है।