भगवान शिव द्वारा निर्देशित मार्ग ही एकमात्र मुक्ति का मार्ग है।
भगवान शिव के अवतार महर्षि महामानस इस अशांत युग के अंतिम अध्याय में मानव चेतना के जागरण के माध्यम से एक नए युग की शुरुआत करने के लिए प्रकट हुए हैं।
लोगों के कष्टों से व्यथित, भगवान शिव स्वयं इस दुनिया में परम गुरु महामानस के रूप में प्रकट हुए हैं।
आज पूरी दुनिया में लोग किसी न किसी तरह से त्रासद गहरे संकट से गुजर रहे हैं। महर्षि महामानस ने लोगों को इस कठिन परिस्थिति से निकलने का रास्ता दिखाया है।
आज हमारे पास वास्तविक मानव विकास और विश्व शांति के उद्देश्य से तर्कसंगत शुद्ध आध्यात्मिकता पर आधारित मानसिक विकास के पथ पर मानव मुक्ति के मार्ग प्रदर्शक महर्षि महामानस आएं हैं।
वह साधु या संत नहीं है। वह इस समय के महादेव जैसे एक प्रज्ञावान ज्ञान-तपस्वी, आध्यात्मिक मार्ग प्रदर्शक, एक महान ऋषि हैं। वह कई गुणों के बुद्धिमान महा पुरुष हैं।
एक गहरा संकट हमारे सामने है। इस भयानक संकट से निजात पाने के लिए हमारे पास ज्यादा समय नहीं है। अंधविश्वास के अंधेरे घेरे से बाहर निकलकर, कल्पना के भ्रम से मुक्त होकर, धर्म व्यापारियों के हाथ से मुक्त होकर हमें स्वधर्म ~ मानव धर्म के पालन के माध्यम से पर्याप्त आत्म-विकास प्राप्त करना होगा। अधिकांश मानव-केंद्रित समस्याओं, दुखों और दुर्दशा का मूल कारण हमारे ज्ञान और चेतना की कमी है।
नई पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी के भयानक भविष्य को सोचते हुए महर्षि महामानस द्वारा दिखाए गए मानव विकास के पथ पर चलने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। उनके द्वारा दिखाया गया विकास पथ ही मानव मुक्ति का एकमात्र मार्ग है।
उनके और उनके विकास पथ के बारे में जानने के लिए आज ही गूगल सर्च करें। स्वयं भगवान शिव के आदेश के रूप में इस संदेश के साथ आत्म-विकास के धर्म~ महाधर्म का अभ्यास करें। धन्यवाद