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एक बार फिर चुनाव का मौसम आने वाला है। सत्ता की चाहत रखने वाले नेतागण अपनी बाजीगरी दिखाने लगे हैं। उनके गठजोड़ पर गाँव के चौराहों पर
चर्चाओं का बाजार गरम है। आइए इस गर्मागर्म माहौल में अपना हाथ सेंकते हैं हमारी कविता "चौराहे पर राजनीतिक चर्चा" से।
By Dr. Sudhanshu Kumarएक बार फिर चुनाव का मौसम आने वाला है। सत्ता की चाहत रखने वाले नेतागण अपनी बाजीगरी दिखाने लगे हैं। उनके गठजोड़ पर गाँव के चौराहों पर
चर्चाओं का बाजार गरम है। आइए इस गर्मागर्म माहौल में अपना हाथ सेंकते हैं हमारी कविता "चौराहे पर राजनीतिक चर्चा" से।