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Chapter FIVE of See You At The Top
अध्याय- पाँच, नज़रिया (दृष्टिकोण)
आज जितने भी स्कूल हैं जो आपको पैर के नाखून काटने व भारी मशीन चलाने से लेकर टाँसिल्स निकालने तथा बाल धुंघराले करने से लेकर हर चीज करना सिखाते हैं। तथापि ऐसा एक भी स्कूल नहीं है जो आपको सिखा दै कि बिना सही सोचने के ढंग के औसत दर्जे से बेहतर कैसे हुआ जा सकता है। यह एक ऐसी चीज़ है जिसके बारे में हर कोई सहमत है चाहे आप डॉक्टर हों, वकील, अध्यापक, सेल्समैन, माँ-बाप, बच्चे, प्रशिक्षक अथवा खिलाडी हों। उन सब की राय यही है कि जब आप कोई कार्य हाथ में लेते हैं तो उसकी सफलता में बहुत बड़ा हाथ आपके नज़रिये का होता है। संक्षेप में, आपका नज़रिया आपकी क़ाबिलियत से अधिक महत्वपूर्ण है।
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By Anoop KumarChapter FIVE of See You At The Top
अध्याय- पाँच, नज़रिया (दृष्टिकोण)
आज जितने भी स्कूल हैं जो आपको पैर के नाखून काटने व भारी मशीन चलाने से लेकर टाँसिल्स निकालने तथा बाल धुंघराले करने से लेकर हर चीज करना सिखाते हैं। तथापि ऐसा एक भी स्कूल नहीं है जो आपको सिखा दै कि बिना सही सोचने के ढंग के औसत दर्जे से बेहतर कैसे हुआ जा सकता है। यह एक ऐसी चीज़ है जिसके बारे में हर कोई सहमत है चाहे आप डॉक्टर हों, वकील, अध्यापक, सेल्समैन, माँ-बाप, बच्चे, प्रशिक्षक अथवा खिलाडी हों। उन सब की राय यही है कि जब आप कोई कार्य हाथ में लेते हैं तो उसकी सफलता में बहुत बड़ा हाथ आपके नज़रिये का होता है। संक्षेप में, आपका नज़रिया आपकी क़ाबिलियत से अधिक महत्वपूर्ण है।
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