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Chapter Four of See You At The Top
अध्याय- चार, ध्येय
क्या आपके पास लक्ष्य या ध्येय है? आपका कोई ध्येय जरूर होना चाहिये क्योंकि बिना किसी गंतव्य के उस पर पहुँचना उसी तरह मुश्किल है जिस तरह किसी जगह पर बिना जाये वहाँ से वापिस आना।
जब तक आपके पास कोई निश्चित, असंदिग्ध व स्पष्ट रूप से निर्धारित लक्ष्य नहीं है, आप अपने अन्दर निहित अधिकतम सम्भाव्यता को अनुभव नहीं कर सकते। अनिश्चितता के साथ भटकने से आप इसे नहीं पा सकते, इसके लिए आपमें एक सार्थक विशिष्टता का होना जरूरी है। आपका अपने और अपने ध्येय के बारे में क्या विचार है? क्या वे स्पष्ट हैं या अभी कुछ धुंधले हैं? शिखर पर मिलेंगे।
Buy Book At- https://amzn.to/2W0F4gm
www.booksociety.in
Hindi Audiobooks
By Anoop KumarChapter Four of See You At The Top
अध्याय- चार, ध्येय
क्या आपके पास लक्ष्य या ध्येय है? आपका कोई ध्येय जरूर होना चाहिये क्योंकि बिना किसी गंतव्य के उस पर पहुँचना उसी तरह मुश्किल है जिस तरह किसी जगह पर बिना जाये वहाँ से वापिस आना।
जब तक आपके पास कोई निश्चित, असंदिग्ध व स्पष्ट रूप से निर्धारित लक्ष्य नहीं है, आप अपने अन्दर निहित अधिकतम सम्भाव्यता को अनुभव नहीं कर सकते। अनिश्चितता के साथ भटकने से आप इसे नहीं पा सकते, इसके लिए आपमें एक सार्थक विशिष्टता का होना जरूरी है। आपका अपने और अपने ध्येय के बारे में क्या विचार है? क्या वे स्पष्ट हैं या अभी कुछ धुंधले हैं? शिखर पर मिलेंगे।
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