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Chapter FOURTEEN of Think and Grow Rich
अध्याय- 14 छठी इन्द्रिय "बुद्धिमत्ता के मंदिर का द्वार"
तेरहवाँ सिद्धान्त है छठी इंद्रिय, जिसके द्वारा असीम शक्ति इच्छानुसार संपर्क कर सकती है और करती है। इसमें व्यक्ति के प्रयासों की कोई आवश्यकता या माँग नहीं होती। यह सिद्धान्त इस फिलॉसफी के शीर्ष पर है। बाकी बारह सिद्धान्तों को आत्मसात करने के बाद ही स समझा और आत्मसात किया जा सकता है।
छठी इंद्रिय अंतर्गन का वह हिस्सा है, जिसे रचनात्मक कल्पनाशीलता कहा गया है। इसे ग्रहण करनेवाला सेट कहा गया है, जिसके द्वारा विचार और योजनाए हमारे दिमाग में काढ़ते हैं। इन कौंधों को कई बार प्रेरणा या आभास कहा जाता है।
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www.booksociety.in
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By Anoop KumarChapter FOURTEEN of Think and Grow Rich
अध्याय- 14 छठी इन्द्रिय "बुद्धिमत्ता के मंदिर का द्वार"
तेरहवाँ सिद्धान्त है छठी इंद्रिय, जिसके द्वारा असीम शक्ति इच्छानुसार संपर्क कर सकती है और करती है। इसमें व्यक्ति के प्रयासों की कोई आवश्यकता या माँग नहीं होती। यह सिद्धान्त इस फिलॉसफी के शीर्ष पर है। बाकी बारह सिद्धान्तों को आत्मसात करने के बाद ही स समझा और आत्मसात किया जा सकता है।
छठी इंद्रिय अंतर्गन का वह हिस्सा है, जिसे रचनात्मक कल्पनाशीलता कहा गया है। इसे ग्रहण करनेवाला सेट कहा गया है, जिसके द्वारा विचार और योजनाए हमारे दिमाग में काढ़ते हैं। इन कौंधों को कई बार प्रेरणा या आभास कहा जाता है।
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