चितचोरन छबि रघुबीर की।
बसी रहति निसि बासर हिय मेंबिहरनि सरजू तीर की ।चितचोरन छबि रघुबीर की...
उर मणि माल पीत पट राजतचलनि मस्त गज गीर की ।चितचोरन छबि रघुबीर की...
सिया अलि लखि अवध छैल छबिसुधि नहीं भूषण चीर की ।चितचोरन छबि रघुबीर की...
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