मनोविज्ञान के व्यवहारिक ज्ञान को समझना अति आवश्यक है। प्रतिस्पर्धात्मक जीवन शैली में तनाव, मानवीय क्षमताएं और खुशहाली एक दूसरे की विरोधाभासी प्रत्यय है। आज की आवश्यकता है कि क्षमताओं के अनुसार तनाव को कम करते हुए खुशहाली की ओर अग्रसर होना। जब व्यक्ति विकारों से ग्रसित होता है तो आवश्यकता है उसके चिकित्सा उपागम एवं परामर्श कौशल द्वारा समस्या को दूर करना।