“देखो, मैं तुम्हें भेड़ों के समान भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ, इसलिये साँपों के समान बुद्धिमान और कबूतरों के समान भोले बनो। परन्तु लोगों से सावधान रहो, क्योंकि वे तुम्हें महासभाओं में सौंपेंगे, और अपनी पंचायतों में तुम्हें कोड़े मारेंगे। तुम मेरे लिये हाकिमों और राजाओं के सामने उन पर, और अन्यजातियों पर गवाह होने के लिए पहुँचाए जाओगे। जब वे तुम्हें पकड़वाएँगे तो यह चिन्ता न करना कि हम किस रीति से या क्या कहेंगे, क्योंकि जो कुछ तुम को कहना होगा, वह उसी घड़ी तुम्हें बता दिया जाएगा। क्योंकि बोलनेवाले तुम नहीं हो, परन्तु तुम्हारे पिता का आत्मा तुम में बोलता है। “भाई, भाई को और पिता पुत्र को, घात के लिए सौंपेंगे, और बच्चे माता–पिता के विरोध में उठकर उन्हें मरवा डालेंगे। मेरे नाम के कारण सब लोग तुम से बैर करेंगे, पर जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा उसी का उद्धार होगा। जब वे तुम्हें एक नगर में सताएँ, तो दूसरे को भाग जाना। मैं तुमसे सच कहता हूँ, तुम इस्राएल के सब नगरों में न फिर चुकोगे कि मनुष्य का पुत्र आ जाएगा। “चेला अपने गुरु से बड़ा नहीं होता; और न दास अपने स्वामी से। चेले का गुरु के, और दास का स्वामी के बराबर होना ही बहुत है। जब उन्होंने घर के स्वामी को शैतान कहा तो उसके घरवालों को क्या कुछ न कहेंगे!
मत्ती 10:16-25