डगमग डगमग डोले नैयापार लगावो तो जानूँ खेवैया
चंचल चित्त को मोह ने घेरा, पग-पग पर है पाप का डेरा,लाज रखो तो लाज रखैयापार लगावो तो जानूँ खेवैया
छाया चारों ओर अँधेरा, तुम बिन कौन सहारा मेरा,हाथ पकड़ कर बंसी बजैयापार लगावो तो जानूँ खेवैया
भक्तों ने तुमको मनाया भजन से, मैं तो रिझाऊँ तुम्हें आँसुवन से,गिरतों को आ के उठावो कन्हैयापार लगावो तो जानूँ खेवैया
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