Share Ehsaas
Share to email
Share to Facebook
Share to X
By Neelam J
The podcast currently has 11 episodes available.
वो कहाँ है? || Voh Kaha Hai ? ||
रामनाथ ने जो देखा, महसूस किया उसपर उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था। क्या ऐसा सचमुच हो सकता है, ये प्रश्न उन्हें हमेशा कुरेदता रहता था। पर उन्हें इसका उत्तर कभी नहीं मिल पाया।
ज़िन्दगी के उतार चढ़ाव में एरन के साथ बहुत कुछ घटा था | जो उसकी ज़िन्दगी का एक पहलू था उसे सिर्फ एरन ही महसूस कर सकता था, और कोई नहीं |
इंसान जिन खौफनाक घटनाओ से भागना चाहता है, अगर वही फिरसे उसके सामने घटने लगे तो वो बिलकुल बेज़ुबान हो जाता है। ऐसा ही कुछ सुरेखा के साथ घटा था।
कामयाबी का मुकाम पूरा करके इंसान कुछ अच्छी, कुछ बुरी और कुछ बेहद बुरी यादे लेकर रवाना होता है। ऐसा ही कुछ डॉक्टर आलोक के साथ भी हुआ।
कभी कभी नयी या अनजानी जगह का एहसास कुछ अच्छा नहीं रहता। इंसान पहले से बहुत कुछ सोच लेता है, पर वो सब उसकी कल्पना से परे होता है। सब कुछ अनजान होता है और जो उसने सोचा था, वो कभी नहीं होता। तब बस वो यही सोचता रह जाता है कि काश यह सब उसकी ज़िन्दगी में ना घटा होत।
यूँ तो ज़िन्दगी का नाम ही उतार चढाव है और ज़िन्दगी भी तय वक़्त से बंधी हुई है, और कब ये करवट ले लेती ह, कोई भी नहीं जानता लेकिन कई बार ज़िन्दगी की करवट कभी भी किसी की ज़िन्दगी बदल देती है, और वो सब पा कर भी बहुत कुछ खो देता है बस रह जाती है उम्मीदों से भरी एक आस और एक लम्बा इंतज़ार।
कभी कभी कुछ भूलना भी बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन जाता है।
वक्त की बेरुखी सब कुछ नहीं मिटा पाती, बल्कि कुछ पुराने निशान जो इतने गहरे होते है जिनपर वक़्त का भी असर नहीं होता ह। सैकड़ो साल बीतने पर भी वो आज भी मौजूद है, अपने वजूद और अनदेखी रूहो के रूप में। इमारतों का तो हम आँखों से दीदार कर सकते है पर रूहो को महसूस और सिर्फ महसूस कर सकते है।
डर और खौफ की घटनाये अचानक नहीं होती उनके पीछे कुछ राज़ छुपे होते है और वो घटनाये जब इंसान के सामने आती है तो लगता सबकुछ अचानक हो जाता है। कुछ समय तक तो वो सोच भी नहीं पाता की यह सब क्या हो रहा है क्योकि उसके दिलो दिमाग पर वो खौफ ज़्यादा भारी पड़ जाता है।
The podcast currently has 11 episodes available.