Dr Pradeep kushwaha | Brahm Homeopathy

GERD गर्भावस्था में क्यों होता है? | GERD MEDICAL REPORT | GERD बिना इलाज कितना खरनाक है?| GERD ilaj


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१) गर्भावस्था में GERD (एसिड रिफ्लक्स) क्यों होता है?
**परिचय**
 गर्भावस्था महिला के जीवन का बहुत ही खूब सूरत समय है. इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल और शारीरिक परिवर्तन होते हैं। इन बदलाव के वजह से कई महिला को एसिडिटी, और सीने में जलन या तो खट्टी डकार जैसी समस्याएँ होती हैं। इन लक्षणों को **GERD** कहा जाता है।
 - गर्भावस्था के समय के दौरान GERD सामान्य पर परेशान करने वाली स्थिति है। रिसर्च बताते हैं कि, लगभग 50% से ज्यादा गर्भवती महिलाएँ को किसी न किसी रूप में एसिड रिफ्लक्स का अनुभव करती हैं.
२) GERD क्या होता है?
GERD तब होता है, जब पेट का एसिड वापस से भोजन नली में ऊपर की ओर चला जाता है।
- भोजन नली और पेट के बीच में एक वाल्व जैसी संरचना होते है, जिसे हम **(LES)** भी कहते है।
- यह वाल्व एसिड को ऊपर जाने से रोकता है, पर यह ढीला पड़ जाता है तो एसिड ऊपर चढ़ने लग जाता है। यही स्थिति GERD कहलाती है।
३) गर्भावस्था में GERD के मुख्य कारण क्या होते है?
**1. हार्मोनल में परिवर्तन** गर्भावस्था में *प्रोजेस्टेरोन* हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन गर्भाशय की मांसपेशियों को ढीला रखता है ,जिस से की बच्चा सुरक्षित रूप से विकसित हो सके।  - यह प्रभाव मात्र गर्भाशय तक ही सीमित नहीं रहता है , बल्कि यह भोजन नली के वाल्व को भी ढीला कर देता है।
 - जिस के कारण से पेट का एसिड ऊपर की ओर जाता है, और सीने में जलन या तो , खट्टी डकारें आने लग जाती है. 
 **2. बढ़ता हुआ गर्भाशय और पेट पर दबाव**
 जैसे-जैसे गर्भावस्था महीने आगे बढ़ती जाती है, वैसे ही (baby) का आकार भी बढ़ता जाता है। जिस से की गर्भाशय फैल कर पेट और डायफ्राम पर दबाव डालता है।  - यह दबाव पेट में रहे हुए अंदर के एसिड को ऊपर की ओर ले जाता है। खास कर के जब भी महिला निचे के और झुकती है, और लेटती है. **3. पाचन की गति धीमी होना** गर्भावस्था के समय में शरीर के पाचन की प्रक्रिया से धीमी हो जाती है, ताकि भोजन से ज्यादा पोषक तत्व शिशु तक पहुँच सकें। - धीमी पाचन की क्रिया के कारण से पेट में भोजन ज्यादा लंबे समय तक रहता है, जिस से की एसिड बनने की संभावना और भी बढ़ जाती है. **4. खान-पान और जीवनशैली की आदतें**  महिलाओं में गलत तरह के खान-पान जैसे की, ज्यादा मसालेदार भोजन , या अधिक तला हुआ भोजन खाने से भी GERD की समस्या होती है।
 - बार-बार ज्यादा मात्रा में भोजन करने से, या तो खाने के तुरंत बाद में लेटना, और ज्यादा चाय-कॉफी पिने से भी हो सकता है.
  ३) गर्भावस्था में GERD के प्रमुख लक्षण क्या होते है?
गर्भावस्था में GERD के प्रमुख लक्षण निचे बताये अनुसार हो सकते है, जैसे की,
 - 1. गले और सीने में जलन का होना - 2. खट्टी डकारें का आना या तो पेट में भारीपन जैसा लगना 
 - 3 . बार-बार खाँसी का आना और गले में खराश होना इस तरह के लक्षण आम तौर पर खाने के तुरंत बाद में या तो , रात में लेटने पर महसूस होते हैं।
 ४) GERD के प्रभाव (माँ और शिशु पर)?
- कुछ मामलों में तो, GERD माँ या तो, शिशु के लिए खतरा नहीं बनता, है पर जलन और असुविधा से गर्भवती महिला की नींद पर , भूख पर असर पड़ सकता है।  - अगर लक्षण अधिक बढ़ जाएँ तो और महिला को उल्टी, वजन में भी कमी हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी होता है। ५) गर्भावस्था में GERD से राहत के उपाय क्या है?
  **1. खान-पान में परिवर्तन करें** - छोटे-छोटे अंतराल में भोजन करें। - ज्यादा मसालेदार और जंकफूड और चॉकलेट चीज़ों को खाने से बचें।  - भोजन करने के बाद में तुरंत लेटना नहीं है। - ठंडे तरल पदार्थ से सीने में जलन को शांत करने में मदद करते हैं।  **2. सोने की स्थिति सही रखें**  बाईं और करवट ले कर सोना गर्भावस्था में अच्छा माना जाता है, क्योंकि पेट पर दबाव कम होता है। **3. कपड़ों का चयन** - ढीले और आरामदायक वाले कपड़े को पहनें। जिस से की पेट पर दबाव न पड़े। **4. जीवनशैली में सुधार**- खाने के तुरंत बाद में व्यायाम न करें।  - रोज़ाना हल्की वॉक करना ,सही है ,जिस से की पाचन क्रिया ठीक रहे।
 #GERD से बचाव के लिए उपयोगी टिप्स?
- भोजन को धीरे-धीरे और अच्छी तरह से चबा कर करे।
- पानी को अधिक पिएँ, पर भोजन के साथ में नहीं, बल्कि बीच-बीच में।
 - तनाव से दूर रहें। समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे सुरक्षित और उचित कदम है।

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