आज आजादी के इतने सालों बाद भी हमारे देश में लड़कियां असुरक्षित है ,,,,,,,
कानुन दोषियों को जल्दी सजा नहीं दे पा रहा ,,, जिससे भी दोषियों का मनोबल बढ़ता है ,,अतः इन बुरे कामों को अच्छा एवं सटीक कानुन बनाकर ही रोका जा सकता है !
कविता,,,,,
मंत्री कुर्सी पर बैठे हैं आराम से
कुछ लोग कानुन को पुज रहे हैं दिल से
कुछ लोग विडियो बनाकर दर्द बतला रहे हैं
कुछ लोग आज भी हाथ बांधे तमाशा देख रहे हैं
क्या इस दिन के लिए भारत के वीरों ने जान गंवाई थी
क्या अंधा कानुन बनाकर हमने आजादी पायी थी
आरक्षण के लिए हर कोई एकजुट मिलता है मुझे
जो मर जाती है जंग हारकर जिंदगी की
उसके लिए तो हमेशा से ही कानुन अंधा मिलता है मुझे
कब तक इस भारत की बेटियां मरती रहेगी
अपनी जिंदगी की जंग हारती रहेगी
कभी कोई तेजाब से चेहरा जलाता है
कभी कोई पेट्रोल छिड़ककर मारता है
कभी कोई जन्म से पहले ही मारता है
कभी फिर जिंदगी भर की सताता है
इन्हीं डरों में मेरा जीवन फिर बितता है
सुरक्षित तो मैं घर में भी नहीं ,बाहर भी नहीं
हर जगह एक लेटेरा बैठा है
मिटाने को हवस अपनी
आज हर कोई तैयार बैठा है
अपनी इच्छा से जी नहीं सकती मैं
अपनी इच्छा से मर नहीं सकती मैं
आजाद भारत में भी अब तक
आजाद और सुरक्षित नहीं रह सकती मैं
दुनिया को बनाने वाली आज इतनी लाचार क्यूं है
हर जगह लड़की इतनी असुरक्षित क्यूं है
कातिलों को कानुन माफ करता क्यूं है
या फिर सजा देने में इतना समय लगाता क्यूं है
मेरा जीवन उन दुष्टों के लिए बताओ
इतना सस्ता क्यूं है ,,इतना सस्ता क्यूं है
केवल मेरे लिए ही यह कानुन अंधा क्यूं है
यह कानुन अंधा क्यूं है,,,,,,,।।।।।