
Sign up to save your podcasts
Or
गर्दिश में कुछ, गुमनाम सी, गुस्ताख़ हकीक़त,
अनकहे, अल्फ़ाज़ के, अस्बाब हकीक़त।
ज़मी पे तू, है आसमां तेरे आईने में,
ज़फ़र मिलती नहीं फ़रियाद से, बे-दाद हकीक़त।।
***
गर्दिश में कुछ, गुमनाम सी, गुस्ताख़ हकीक़त,
अनकहे, अल्फ़ाज़ के, अस्बाब हकीक़त।
ज़मी पे तू, है आसमां तेरे आईने में,
ज़फ़र मिलती नहीं फ़रियाद से, बे-दाद हकीक़त।।
***