
Sign up to save your podcasts
Or
पिछली कथा में, हमने जाना कि कैसे राम ने जनकपुर की सभा में भगवान शिव के धनुष को भेदकर एक दिव्य संकेत दिया—कि वे केवल एक वीर राजकुमार ही नहीं, बल्कि मर्यादा के मूर्त रूप हैं। राजा जनक ने उसी क्षण सीता के विवाह की घोषणा की। इसके बाद राजा दशरथ को जब यह समाचार प्राप्त हुआ, तो उन्होंने रानियों, गुरुओं और पुत्रों से विचार-विमर्श किया। सभी ने इसे एक ईश्वरीय योजना माना, और सहर्ष चारों राजकुमारों के चारों विदेह कन्याओं से विवाह का प्रस्ताव स्वीकार किया।
आज की कथा में, हम प्रवेश करेंगे उस स्वर्णिम दिन में, जब अयोध्या और मिथिला के दो वंश—सूर्यवंश और विदेहवंश—धर्म और करुणा के सूत्र में बंधते हैं। राम और सीता के साथ, भरत-मांडवी, लक्ष्मण-उर्मिला और शत्रुघ्न-श्रुतिकीर्ति भी एक ही मंडप में विवाह सूत्र में बंधते हैं।यह दिन केवल विवाह संस्कार का नहीं, बल्कि धर्म, स्नेह और सांस्कृतिक एकता का उत्सव है। किंतु जैसे ही सब कुछ पूर्ण होता है, तभी सभा में आता है एक तूफान—एक ब्रह्मतेजस्वी ऋषि, जिनके क्रोध से स्वयं देवता भी काँपते हैं— भगवान परशुराम! उनके आगमन के साथ यह प्रसंग एक नये मोड़ की ओर मुड़ता है। कैसे होगा राम और परशुराम का प्रथम आमना-सामना? तो आइए, साथ चलें इस दिव्य विवाह और तेजस्वी परीक्षण के संगम की ओर—जहाँ प्रेम, मर्यादा और शौर्य तीनों एक साथ प्रकट होते हैं।
Spotify, Apple Podcasts और YouTube पर उपलब्ध!
Ramayan, Sita, Raavan, Ram, Lakshman, Hindu mythology, Indian epics, Valmiki Ramayan, Ramayan stories, Hanuman, Ramayan podcast, Indian culture, Dharm, Hindu traditions, Ramayan episodes, Spiritual stories, Indian history, Lord Vishnu, Ramayan characters, Raavan's tyranny, Sita's captivity, Ancient India, Hindu epics, Inspirational stories, Devotion, Moral lessons, Storytelling, Indian mythology
पिछली कथा में, हमने जाना कि कैसे राम ने जनकपुर की सभा में भगवान शिव के धनुष को भेदकर एक दिव्य संकेत दिया—कि वे केवल एक वीर राजकुमार ही नहीं, बल्कि मर्यादा के मूर्त रूप हैं। राजा जनक ने उसी क्षण सीता के विवाह की घोषणा की। इसके बाद राजा दशरथ को जब यह समाचार प्राप्त हुआ, तो उन्होंने रानियों, गुरुओं और पुत्रों से विचार-विमर्श किया। सभी ने इसे एक ईश्वरीय योजना माना, और सहर्ष चारों राजकुमारों के चारों विदेह कन्याओं से विवाह का प्रस्ताव स्वीकार किया।
आज की कथा में, हम प्रवेश करेंगे उस स्वर्णिम दिन में, जब अयोध्या और मिथिला के दो वंश—सूर्यवंश और विदेहवंश—धर्म और करुणा के सूत्र में बंधते हैं। राम और सीता के साथ, भरत-मांडवी, लक्ष्मण-उर्मिला और शत्रुघ्न-श्रुतिकीर्ति भी एक ही मंडप में विवाह सूत्र में बंधते हैं।यह दिन केवल विवाह संस्कार का नहीं, बल्कि धर्म, स्नेह और सांस्कृतिक एकता का उत्सव है। किंतु जैसे ही सब कुछ पूर्ण होता है, तभी सभा में आता है एक तूफान—एक ब्रह्मतेजस्वी ऋषि, जिनके क्रोध से स्वयं देवता भी काँपते हैं— भगवान परशुराम! उनके आगमन के साथ यह प्रसंग एक नये मोड़ की ओर मुड़ता है। कैसे होगा राम और परशुराम का प्रथम आमना-सामना? तो आइए, साथ चलें इस दिव्य विवाह और तेजस्वी परीक्षण के संगम की ओर—जहाँ प्रेम, मर्यादा और शौर्य तीनों एक साथ प्रकट होते हैं।
Spotify, Apple Podcasts और YouTube पर उपलब्ध!
Ramayan, Sita, Raavan, Ram, Lakshman, Hindu mythology, Indian epics, Valmiki Ramayan, Ramayan stories, Hanuman, Ramayan podcast, Indian culture, Dharm, Hindu traditions, Ramayan episodes, Spiritual stories, Indian history, Lord Vishnu, Ramayan characters, Raavan's tyranny, Sita's captivity, Ancient India, Hindu epics, Inspirational stories, Devotion, Moral lessons, Storytelling, Indian mythology