जिसका अंत भला होता है वह सब भला होता है जैसे कहते हैं सुबह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते इस कहानी में एक व्यक्ति जो अज्ञानता वश अपने अपार बहुमूल्य संसाधनों को खो देता है किंतु अंत में जब समझदारी आती है तो बचे हुए संसाधनों से भी अपने जीवन को सुखद और सफल बनाने में सक्षम हो पाता है यह कहानी लोगों के जीवन को प्रेरित करने के लिए सक्षम है.