Listen to the Holi, Mohan Ajab Khilari` in the voice of Shri Abhay Shrivastavaमोहन अजब खिलाड़ी, देखो होली कौतुक भारीमोहन अजब...नर तन धर सोई नट नागर, श्री वृषभानु दुलारी, (२)दिखलावत नित नये तमाशे, (२)चतुरन बहुत विचारी, बुद्धि सबकी पचि हारी मोहन अजब... मन मटकी भर प्रेम रंग से, सुचिता की पिचकारी (२)तक तक मारिये श्याम सुंदर पर, (२)चूके न अवसर भारी, कपट को घूंघट हटा री