Listen to the Holi `Ram Janki ki Hori` sung by Shri Vibhu Varmaराम-जानकी की होरी (२)जनकपुर देखन चलो री, राम-जानकी की होरी…कौशल भूषण इत रघुनन्दन, उत मिथिलेश किशोरी, (२)सखा राम के, सखी सिया की, (२)कैसा ये फाग रचो री, जुगल छवि आज लखो री, राम जानकी की होरी…लपक झपक सीता ने लक्ष्मण, पकड़ लिये बरजोरी, (२)कहां गये वो धनुष बाण अब, (२)बेंदी माथे धरो री, सखी इनके रोली मलो री,राम जानकी की होरी…इतने में