इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस सुधीर कुमार सक्सेना. एक ऐसे शख़्स, जिन्होंने साढ़े तीन दशक से भी ज़्यादा वक्त कानून और न्याय की दुनिया को दिया. ज़िला जज से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच तक का सफ़र तय किया. क्राइम ब्रांच के इस एपिसोड में जस्टिस सुधीर कुमार सक्सेना ने क्राइम जर्नलिस्ट अरविंद ओझा से खुलकर बात की. फांसी की सज़ा सुनाते वक्त जज के मन में क्या चलता है, कोर्ट से केस का बोझ कैसे कम हो सकता है, और कैसे एक फैसले से हज़ारों ज़िंदगियां बदल जाती हैं?
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
प्रड्यूसर: अंकित द्विवेदी
साउंड मिक्सिंग: रोहन भारती