A story of great Importance. एक बेहतरीन सोच।
सोने की असली कीमत और पहचान सुनार को ही होती है , लुहार को नही ।।।।।
नमस्ते
आप सुन रहें हैं,
Shakti savarn
Entrepreneur and Teacher
Aj aapke liye ek khubsurat kahani lekar aaya hun...
काँच और हीरा
एक राजा का दरबार लगा हुआ था। क्योंकि सर्दी का दिन था इसलिये राजा का दरवार खुले में ही लगा हुआ था।
पूरी आम सभा सुबह की धूप में बैठी थी। महाराज , सिंहासन पर विराजमान थे और उनके सामने एक टेबल रखी थी।
पंडित लोग ,दीवान आदि सभी दरवार में बैठे थे। राजा के परिवार के सदस्य भी वहां मौजूद थे।
उसी समय एक व्यक्ति आया और उसने प्रवेश मागा, प्रवेश मिलते ही उसने कहा ,
मेरे पास दो वस्तुए है ( एक असली और एक नकली ),
मै हर राज्य के राजा के पास जाता हूँ और अपनी बात रखता हूँ , इन दोनो वस्तुओं में असली की परख करें,
कोई परख नही पाता सब हार जाते है और मैं विजेता बनकर घूम रहा हूँ अब आपके नगर में आया हूँ।
राजा बड़े रोमांचित हो गए और कहा क्या बात है , हमें भी पूरी बात बताएं,
तो उसने दोनो वस्तुये टेबल पर रख दी बिल्कुल समान आकार, समान रुप, रंग, समान प्रकाश । सब कुछ नख सिख समान ..
राजा ने कहा ये दोनो वस्तुए तो एक ही हैं ,
तो उस व्यक्ति ने कहा हाँ दिखाई तो एक सी देती है लेकिन है भिन्न। इनमे से एक है बहुत कीमती हीरा और एक है काँच का टुकडा।
लेकिन रूप रंग सब एक है कोई आज तक परख नही पाया की कौन सा हीरा है और कौन सा काँच , क्या आपके राज्य में कोई है जो परख कर बताये की ये हीरा है ये काँच।
अगर परख खरी निकली तो मैं हार जाउगा और यह कीमती हीरा मैं आपके राज्य की तिजोरी में जमा करवा दूगां।
यदि कोई न पहचान पाया तो इस हीरे की जो कीमत है उतनी धनराशि आपको मुझे देनी होगी। इसी प्रकार मैं कई राज्यों से जीतता आया हूँ। राजा ने कहा मैं तो नही परख सकूगा, दीवान बोले हम भी हिम्मत नही कर सकते क्योंकि दोनो बिल्कुल समान है।
सभी ने हार मान ली, कोई हिम्मत नही जुटा पाया।
हारने पर पैसे देने पडेगे इस पर कोई संदेह नहीं था ,
पैसे की चिंता किसी को नही थी क्योकि राजा के पास बहुत धन है पर अगर राजा हार गए तो उनकी प्रतिष्ठा गिर जायेगी इसका सबको भय था।
किसी भी व्यक्ति ने पहचानने की कोशिश भी नही की ,
राजा पूरी सभा को उमिद की निगाह से देख रहे थे की कोई तो इस Challange को स्वीकार करे और जीत के दिखाए।
आखिरकार पीछे थोडी हलचल हुइ एक अंधा आदमी हाथ में लाठी लेकर उठा उसने कहा मुझें महाराज के पास ले चलो, मैंने सब बाते सुनी है और यह भी सुना कि कोई परखने के लिए तैयार नहीं है।
एक अवसर मुझें भी दो,
एक आदमी के सहारे वह राजा के पास पहुचा। उसने राजा से प्रार्थना की मैं तो जन्म से अंधा हूँ, फिर भी मुझें एक अवसर दिया जाये, जिससे मैं भी एक बार अपनी बुद्धि को परख सकूं,
और हो सकता है कि सफल भी हो जाऊ और यदि सफल न भी हुआ तो ... इतना कहकर वो अंधा व्यक्ति चुप हो गया ।
राजा को लगा कि इसे अवसर देने में क्या हरज है।
राजा की आज्ञा मिलते ही,
उस अंधे आदमी को दोनो चीजे छुआ दी गयी और पूछा गया इसमे कौन सा हीरा है और कौन सा काँच यही परखना है।
कथा कहती है की उस व्यक्ति ने एक मिनट में हीरे को परख लिया ।
जो आदमी इतने राज्यों को जीतकर आया था, वह नतमस्तक हो गया और बोला सही है। आपने पहचान लिया धन्य हो आप। अपने वचन के मुताबिक यह हीरा मैं आपके राज्य की तिजोरी में दे रहा हूँ।
सब बहुत खुश हो गये और जो आदमी आया था। वह भी बहुत प्रसन्न हुआ कि कम से कम कोई तो मिला परखने वाला। वह राजा और अन्य सभी लोगो ने उस अंधे व्यक्ति से एक ही जिज्ञासा जताई कि तुमने यह कैसे पहचाना कि यह हीरा है और वह काँच।
उन अंधे व्यक्ति ने कहा की सीधी सी बात है मालिक,
धूप में हम सब बैठे है।
मैने दोनो को छुआ जो ठंडा रहा वह हीरा जो गरम हो गया वह काँच।
राजा ने उन व्यक्ति की समझदारी के कारण उन्हें ढेर सारा इनाम दिया ।
My Friends
इस कहानी से हम बहुत महत्वपूर्ण सीख मिलती है ।
1. अगर अवसर मिले तो कोसिस जरूर करिए , और कुछ मिले न मिले तजुर्बा जरूर मिलेगा ।
2. ध्यान हमेशा अपनी खूबियों पर दीजिए, अपनी कमियों पर नही ।
3. जो गरम माहौल में भी ठंठा रहे वही हीरा बन सकता है , गुस्से और जिंदगी के मुश्किल समय में भी जो धैर्य से काम करे और शांति से सीखता रहे वही कामयाबी की डगर पर चल पाता है ।
जब भी जिंदगी में खुद पर से विश्वास हटे और धैर्य की जरूरत लगे तो इस कहानी को जरूर सुनिएगा ।
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We narrate to Rejuvenate.
Namaste
Shabha khair ।