तीसरा नेत्र खोलने के लिए मंत्र 'ॐ' (Om) है, जो आज्ञा चक्र का बीज मंत्र है। इसके अलावा, एक अन्य मंत्र है 'ॐ ह्लीं क्लीं भूत-भविष्य वर्तमानानि दर्शय ह्लीं क्लीं ॐ फट्'। इन मंत्रों के साथ-साथ त्राटक, शांभवी मुद्रा, और ध्यान जैसे अभ्यास भी महत्वपूर्ण हैं।
मंत्र और उनका उपयोग
- ॐ (Om):
यह सबसे मौलिक बीज मंत्र है और तीसरी आंख चक्र के लिए सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इसका उपयोग ध्यान के दौरान एकाग्रता और कंपन को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
- 'ॐ ह्लीं क्लीं भूत-भविष्य वर्तमानानि दर्शय ह्लीं क्लीं ॐ फट्':
यह एक अधिक जटिल मंत्र है जिसका उपयोग १२ दिनों तक करने की सलाह दी जाती है। इसके अभ्यास के दौरान कई विचित्र अनुभव हो सकते हैं और यह भविष्य के संकेत प्रदान कर सकता है।
अन्य महत्वपूर्ण अभ्यास
- त्राटक:
किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करने का अभ्यास, जो मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है।
- शांभवी मुद्रा:
एक ऐसी योगाभ्यास जिसमें आँखें बंद करके ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- ध्यान:
नियमित ध्यान अभ्यास तीसरी आंख चक्र को जागृत रखने में मदद करता है।
- मौन व्रत:
कुछ दिनों तक मौन रहने से भी मन की ऊर्जा को भीतर की ओर मोड़ने में मदद मिलती है।
सावधानी: ये अभ्यास व्यक्तिगत अनुभव पर निर्भर करते हैं और परिणाम हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। किसी भी अभ्यास को शुरू करने से पहले एक योग्य गुरु से मार्गदर्शन लेना उचित है।
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