पहचानो स्वयं को
दिशा आवरण से पहले जरूरी है, स्वयं को पहचानना
अपने आप को जानो
अपने हौसलों को जानो
और समझ जाओगे
कि आप की दिशा कौनसी है
कुछ भी असंभव नहीं
रही बात दिशा की
तो आप स्वयं आपकी ही दिशा तय करेंगे कोई और आप की दिशा तय नहीं कर सकता।
तो आप स्वयं अपनी उड़ान के मालिक बने।