कुलपति कालकाचार्य ने ब्रह्मचारियों की दुर्दश देखकर ये फैसला लिया की वे सब राम से दूर अपना आश्रम बनाएंगे ताकि राक्षस उन्हें तंग न कर सकें पर ब्रह्मचारियों ने बदला लेने का फैसला किया
कुलपति कालकाचार्य ने ब्रह्मचारियों की दुर्दश देखकर ये फैसला लिया की वे सब राम से दूर अपना आश्रम बनाएंगे ताकि राक्षस उन्हें तंग न कर सकें पर ब्रह्मचारियों ने बदला लेने का फैसला किया