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महफ़िल तेरी, शिरक़त मेरी, बेशक़ बड़ी ज़हमत।
तेरे ही नाम में चर्चा मेरा, गुमनाम काफी है।।
मेरी हैं गर्द सी गुस्ताखियां, और ग़ैरती से ग़म।
मगर हों दिल में तेरी धड़कनें, एहसास काफी है।।
***
महफ़िल तेरी, शिरक़त मेरी, बेशक़ बड़ी ज़हमत।
तेरे ही नाम में चर्चा मेरा, गुमनाम काफी है।।
मेरी हैं गर्द सी गुस्ताखियां, और ग़ैरती से ग़म।
मगर हों दिल में तेरी धड़कनें, एहसास काफी है।।
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