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नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद-मंद, हल्की हंसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है।
मां कुष्मांडाकी उपासना का मंत्र इस प्रकार है:
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यांकुष्मांडा शुभदास्तुमे।
आइये जानते हैं नवरात्र के चौथे दिन क्यों की जाती है इनकी पूजा?
By हिंदू पौराणिक कथा कहानियाँनवरात्रि में चौथे दिन देवी को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद-मंद, हल्की हंसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है।
मां कुष्मांडाकी उपासना का मंत्र इस प्रकार है:
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यांकुष्मांडा शुभदास्तुमे।
आइये जानते हैं नवरात्र के चौथे दिन क्यों की जाती है इनकी पूजा?