Harmonized_Words

कुछ बाक़ी हैं!


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जिंदगी के किसी मोड़ पर जब निराशा के बादल छा जाते हैैं तब कहीं सूरज की किरण उन बादलों को छाट कर हौले से आकर कहती हैं कुछ बाक़ी हैं..... क्योंकि चलते रहने का ही तो नाम हैं ज़िन्दगी!
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Harmonized_WordsBy Akshara Jain