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सच्चिदानंद हीरानंद वातस्यायन अज्ञेय. जितना भारी भरकम नाम, उतना ही भारी भरकम व्यक्तित्व. अज्ञेय का जिक्र आने पर एक मूर्धन्य कवि, शैलीकार, कथा साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, निबन्धकार, दिग्गज सम्पादक की छवि हमारे सामने आती है. लेकिन अज्ञेय का व्यक्तित्व इससे भी विराट और बहुआयामी था. अज्ञेय की लेखकीय पहचान से अलग उनका विद्रोही अतीत, क्रांतिकारी झुकाव, उनका सैन्य अतीत, उनका राजनीतिक झुकाव, उनका निजी जीवन इतना परतदार और विशद हैं, जिसे समग्रता में आज तक समेटा नहीं गया है.
अज्ञेय के तमाम अनछुए पहलुओं को भारी-भरकम किताब की शकल में हमारे सामने लेकर आए हैं पत्रकार और लेखक अक्षय मुकुल. अक्षय की हालिया किताब ‘राइटर, रेबेल, सोल्ज़र, लवर- मेनी लाइव्स ऑफ अज्ञेय’, अज्ञेय की ज़िंदगी के तमाम अनदेखे पक्ष उजागर करती है.
लेट्स टॉक अबाउट के इस अंक में हम बात करेंगे अक्षय मुकुल और उनके साथ ओम थानवी से. अज्ञेय के बहुत करीब रहकर काम करने का सौभाग्य रहा है ओम थनवी को. चार दशकों तक पत्रकारिता का अनुभव, हिंदी पत्रकारिता में मील का पत्थर रही जनसत्ता अखबार के संपादक पद से पदमुक्त हुए ओम थानवी के नाम अज्ञेय की जन्मशती के मौके पर एक ग्रंथनुमा पुस्तक अपने-अपने अज्ञेय का संकलन-संपादन का श्रेय है.
तो अक्षय मुकुल और ओम थानवी के साथ लेट्स टॉक अबाउट अज्ञेय.
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सच्चिदानंद हीरानंद वातस्यायन अज्ञेय. जितना भारी भरकम नाम, उतना ही भारी भरकम व्यक्तित्व. अज्ञेय का जिक्र आने पर एक मूर्धन्य कवि, शैलीकार, कथा साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, निबन्धकार, दिग्गज सम्पादक की छवि हमारे सामने आती है. लेकिन अज्ञेय का व्यक्तित्व इससे भी विराट और बहुआयामी था. अज्ञेय की लेखकीय पहचान से अलग उनका विद्रोही अतीत, क्रांतिकारी झुकाव, उनका सैन्य अतीत, उनका राजनीतिक झुकाव, उनका निजी जीवन इतना परतदार और विशद हैं, जिसे समग्रता में आज तक समेटा नहीं गया है.
अज्ञेय के तमाम अनछुए पहलुओं को भारी-भरकम किताब की शकल में हमारे सामने लेकर आए हैं पत्रकार और लेखक अक्षय मुकुल. अक्षय की हालिया किताब ‘राइटर, रेबेल, सोल्ज़र, लवर- मेनी लाइव्स ऑफ अज्ञेय’, अज्ञेय की ज़िंदगी के तमाम अनदेखे पक्ष उजागर करती है.
लेट्स टॉक अबाउट के इस अंक में हम बात करेंगे अक्षय मुकुल और उनके साथ ओम थानवी से. अज्ञेय के बहुत करीब रहकर काम करने का सौभाग्य रहा है ओम थनवी को. चार दशकों तक पत्रकारिता का अनुभव, हिंदी पत्रकारिता में मील का पत्थर रही जनसत्ता अखबार के संपादक पद से पदमुक्त हुए ओम थानवी के नाम अज्ञेय की जन्मशती के मौके पर एक ग्रंथनुमा पुस्तक अपने-अपने अज्ञेय का संकलन-संपादन का श्रेय है.
तो अक्षय मुकुल और ओम थानवी के साथ लेट्स टॉक अबाउट अज्ञेय.
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