इस हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.
इसके अलावा जम्मू में भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं का दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता राकेश शर्मा पर हमला किया, निशिकांत दुबे की सीजेआई संजीव खन्ना पर की गई टिप्पणी को लेकर कार्रवाई की मांग की, दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को लगाई फटकार, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में साइन बोर्ड्स पर उर्दू के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका की ख़ारिज और पोप फ्रांसिस की मृत्यु आदि ख़बरें भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहींइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, और द हिन्दू अख़बार की डिप्टी एडिटर विजैता सिंह शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंदवर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “चिंताजनक बात यह है कि पहचान करके हिन्दुओं को मारा गया है और इसका दूसरा पहलू यह है कि यह सुरक्षा में हुई बड़ी चूक है, जिस पर बात नहीं हो रही.”
विजैता कहती हैं, “अभी कूटनीतिक स्तर पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन पुलवामा के समय हुई बालाकोट स्ट्राइक जैसा कोई कदम अभी नहीं उठाया गया है, और आगे उठाया जाएगा या नहीं ये अभी कहा नहीं जा सकता.”
सुनिए पूरी चर्चा-
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टाइमकोड्स
00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना
03:05 - सुर्खियां
15:50 - पहलगाम पर भारत की प्रतिक्रिया
1:9:39- सब्सक्राइबर्स के पत्र
1:19:45 - निशिकांत दुबे का बयान
01:38:50 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय-क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
शार्दूल कात्यायन
सीरीज़ -द डे ऑफ़ द जैकल फिल्म - स्पॉटलाइट
विजेता सिंह
पॉल लिंच की किताब - प्रॉफेट सांग
हृदयेश जोशी
अजय साहनी का लेख
श्याम सरन का लेख
आनंदवर्धन
किताब - द अनडाईंग लाइट
अतुल चौरसिया
डॉक्यूमेंट्री - कैंपस पे क्रैकडाउन
चर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.
ऑरकाओं में मैनोपॉज पर शोध
ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा
प्रोड्यूसर: तीस्ता रॉय चौधरी
संपादन: हसन बिलाल
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