सूखे मौसम में बारिशों को
याद करके रोती है
उम्र भर हथेलियां में
तितलियां संजोती हैं
और जब एक दिन
बूंदे सचमुच बरस जाती हैं
हवाएं सचमुच गुनगुनाती हैं
फिजाएं सचमुच खिलखिलाती हैं
तो यह सुख कपड़ों,
अचार, पापड़, बच्चों
और सारी दुनिया को
भीगने से बचाने दौड़ जाती हैं
न कोई शौक से जीती है
न ठीक से मरती हैं
कोई काम ठीक से नहीं करती हैं
सच है औरतें बेहद अजीब होते हैं
❤️