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कुछ शब्दों का सार्वजनिक प्रयोग जातिवाद से सम्बंधित क़ानून के आधार पर गलत माना जाता है, जब कोई दूसरी जाति वाला उस नाम से किसी को संबोधित करे। पर सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो जाति का किसी नाम में प्रयोग अथवा अपने आप के बारे बात करते हुए स्वाभिमान से जाति का प्रयोग सवर्णों द्वारा अनुचित और गलत लगता है। फिर 'बनिया' शब्द को हमने इतनी आसानी से स्वीकार कैसे कर लिया?
कुछ शब्दों का सार्वजनिक प्रयोग जातिवाद से सम्बंधित क़ानून के आधार पर गलत माना जाता है, जब कोई दूसरी जाति वाला उस नाम से किसी को संबोधित करे। पर सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो जाति का किसी नाम में प्रयोग अथवा अपने आप के बारे बात करते हुए स्वाभिमान से जाति का प्रयोग सवर्णों द्वारा अनुचित और गलत लगता है। फिर 'बनिया' शब्द को हमने इतनी आसानी से स्वीकार कैसे कर लिया?