जीवन सरल है, सहज है, आसान है। लेकिन अपने आसपास से हमने जो ज्ञान पकड़ लिया है, उससे हमने खुद ही उलझने पैदा कर ली हैं। नेगेटिव ना सोचो, पॉजिटिव सोचो-- यह ऐसा ही एक ज्ञान है, जो हमारे भीतर द्वंद्वों का कारण बन रहा है। हमारे दिमाग की प्रोग्रामिंग ऐसी है कि जो मिल गया, वो दिखता ही नहीं, पर जो नहीं मिला वह दिखता ही रहता है। मन वहीं अटक जाता है, इसे नेगेटिव सोच कहते हैं। अधिक जानकारी के लिए सुनिए...