नाथ मेरो कहा बिगरेगोजायेगी लाज तुम्हारीभूमि बिहीन पाण्डव सुत डोले, जब ते धरमसुत हारेरही है ना पैज प्रबल पारथ की, कि भीम गदा महि डारी,नाथ मेरो कहा बिगरेगो ...शूर समूह भूप सब बैठे, बड़े बड़े प्रणधारी,भीष्म द्रोण कर्ण दुशासन, जिन्ह मोपे आपत डारी,नाथ मेरो कहा बिगरेगो ...तुम तो दीनानाथ कहावत, मैं अति दीन दुखारी,जैसे जल बिन मीन जो तड़पै, सोई गति भई हमारी,नाथ मेरो कहा बिगरेगो ...मम पति पांच, पांचन के तुम