naiharavaa hamakaa naa bhaave - bhajan by Sant Kabirdas
Listen to this bhajan sung by Shri V N Shrivastav 'Bhola' by clicking here.
कबीर दास जी की अति सारगर्भित रचना
नैहरवा हमका न भावे !!
साई की नगरी परम् अति सुंदर जहाँ कोई जान न पावे !
चाँद सूरज जहाँ पवन न पानी, को सन्देश पहुचावे !
दर्द ये साईं को सुनावे .. .!! टेक !!
आगे चलों पन्थ नही सूझे, पीछे दोष लगावे
केहि विधि ससुरे जाऊं मोरि