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पिछले एक महीने से नेपाल की राजनीति में भारी उठापटक चल रही है। कुछ दिनों पहले आपने समाचार सुना होगा कि नेपाल सरकार ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई थी कि भारत सरकार दो-तीन ऐसे क्षेत्रों को अपना बता रही है जिन पर नेपाल अपना दावा करता है। इसके बाद नेपाल सरकार ने अपने देश का एक नया नक्शा भी जारी किया, जिसमें वे इलाके नेपाल में दिखाए गए थे। नेपाल जैसा प्यारा भाई आज भारत के बजाय चीन के साथ खड़ा है। लेकिन इसके लिए केवल चीन को दोष नहीं दिया जा सकता। हमें यह भी समझना चाहिए कि यह स्थिति रातोंरात नहीं बनी है। पिछले कई दशकों में भारत और नेपाल दोनों ही देशों के नेताओं ने कई भारी गलतियां की, जिनके कारण चीन को नेपाल में पैर पसारने का अवसर मिला।
By सुमंत विद्वांसपिछले एक महीने से नेपाल की राजनीति में भारी उठापटक चल रही है। कुछ दिनों पहले आपने समाचार सुना होगा कि नेपाल सरकार ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई थी कि भारत सरकार दो-तीन ऐसे क्षेत्रों को अपना बता रही है जिन पर नेपाल अपना दावा करता है। इसके बाद नेपाल सरकार ने अपने देश का एक नया नक्शा भी जारी किया, जिसमें वे इलाके नेपाल में दिखाए गए थे। नेपाल जैसा प्यारा भाई आज भारत के बजाय चीन के साथ खड़ा है। लेकिन इसके लिए केवल चीन को दोष नहीं दिया जा सकता। हमें यह भी समझना चाहिए कि यह स्थिति रातोंरात नहीं बनी है। पिछले कई दशकों में भारत और नेपाल दोनों ही देशों के नेताओं ने कई भारी गलतियां की, जिनके कारण चीन को नेपाल में पैर पसारने का अवसर मिला।