जलीय पारितंत्र किसे कहते हैं? जलीय पारितंत्र का मतलब होता है "जल माध्यम" या "जल प्रणाली"। यह एक प्रकार का पारितंत्र (यानि संरचना या व्यवस्था) होता है जो जल माध्यम से किसी निर्धारित क्षेत्र को प्रभावित करता है। इस प्रणाली के माध्यम से जल को नियंत्रित, निर्देशित और उपयोगिता में परिवर्तित किया जाता है। जलीय पारितंत्र का उपयोग जल संसाधनों के प्रबंधन, जल नियंत्रण, सिंचाई प्रणालियों का निर्माण और अन्य जल संबंधित गतिविधियों में किया जाता है। इसे विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि कृषि, नगरीय विकास, पानी की आपूर्ति, विद्युत उत्पादन, जल प्रदूषण आदि में लागू किया जा सकता है।