Hindi Novel: "सीता सोचती थी ...!"
Small part from the podcast....
‘‘मुझे लगता है अिधकांश लोग आज भी अपनी महारानी को िनदष समझते ह और उनम ा रखते ह, परतु कु छ लोग, कु छ उटी-सीधी बात भी करते ह।'' ‘‘तुह या लगता है, वे लोग कौन हो सकते ह?'' ‘‘ऐसा लगता है उह िकसी ने बहका रखा है; वे दूिषत भावनाओं से यु कु छ लालची वृि के लोग लगते ह, और मेरा अनुमान है िक य के दौरान भी कुछ ववाद खड़ा कर यवधान डालने क चेा कर सकते हैं ।'' ‘‘चलो, य थल क ओर चलते ह।''