Description: सीता ने कहा। तीन बहन शरमाकर हँस पड़, िकतु िकसी को नह पता था िक सीता क अनजाने ही कही गई ये बात सच होने वाली है, और सचमुच सब सीता के साथ ही जायगी। सीता जब थोड़ी देर िवाम करने के बाद उठ, तो पता लगा वयंवर क सभा सज चुक थी। बहत से राजाओं और राजकु मार से सभाथल पूरी तरह भर चुका था। ऋिष, मुिन सभाथल के एक ओर ऊँ चे थान पर अपने-अपने आसन पर िवराजमान थे। जनकपुरी क जा सभाथल के अदर तो थी, िकतु जो अदर थान नह पा सके थे, ऐसे हजार यि सभाथल के बाहर जमा थे। जन-सैलाब उमड़ा पड़ रहा था।