Ishrosh

Novel: "सीता सोचती थी ...!", Chapter 2: "कठिन पल ... !"


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Hindi Novel: "सीता सोचती थी ...!"

Chapter - 1: " कठिन पल... ! "
Author: डॉ. अशोक शर्मा
Podcast: नन्द कुमार,
Podcast by Nannd Kumar

Small part from the podcast.... ‘‘तुहारे ही पु ह।'' सुनकर राम ने होठ को दबाया, धीरे से एक गहरी साँस ली, शूय क ओर देखा िफर पलक जोर से भचकर आँख खोल द। ऐसा लगा, जैसे इन कु छ ही पल म वे पता नह कहाँ-कहाँ से गुजर गये हैं ...."

".... राम ने संकेत करके उन्हें भी बुलाया। सीता देख रही थी, राम के स्वर में अनुरोध है, आदेश नहीं ... यह सीता को असहज लग रहा था।.....

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IshroshBy Nannd Kumar