Novel: "सीता सोचती थी ...!", Chapter 3: "अपनों के मध्य... !"
Hindi Novel "सीता सोचती थी ...!"
Chapter - 3: "अपनों के मध्य...!"
Author: डॉ. अशोक शर्मा
Podcast: नन्द कुमार, Podcast by Nannd Kumar
Small part from the podcast....
"सीता ने ने उठाकर राम क ओर देखा। बारह वष के अतराल के बाद वही राम थे। कु छ भी बदला नह था। बस, उह वे थोड़े दुबले से लगे। जब वे उनसे िमलने के िलये चली थ, तब पता नह िकतनी ही बात उनके मन म आ रही थ। उह महसूस हो रहा था िक इन वष म उहने िकतने भी मोह यागे ह, िकतु राम क कु शलता क िचता सदैव उनके मन म थी।
Novel: "सीता सोचती थी ...!", Chapter 3: "अपनों के मध्य... !"
Hindi Novel "सीता सोचती थी ...!"
Chapter - 3: "अपनों के मध्य...!"
Author: डॉ. अशोक शर्मा
Podcast: नन्द कुमार, Podcast by Nannd Kumar
Small part from the podcast....
"सीता ने ने उठाकर राम क ओर देखा। बारह वष के अतराल के बाद वही राम थे। कु छ भी बदला नह था। बस, उह वे थोड़े दुबले से लगे। जब वे उनसे िमलने के िलये चली थ, तब पता नह िकतनी ही बात उनके मन म आ रही थ। उह महसूस हो रहा था िक इन वष म उहने िकतने भी मोह यागे ह, िकतु राम क कु शलता क िचता सदैव उनके मन म थी।