दुनिया क्या कहेगी..दुनिया में रहना है तो ये सब तो करना ही पड़ता है..दुनिया के हिसाब से ही चलना पड़ता है.. ये सब ख़्याल अगर आपके मन में भी अक्सर नहीं हर रोज़ आते हैं..तो ये कहानी आपके लिये है.. सुनिए और अगर कहानी ग़ौरतलब लगे तो मुझे लिखकर बताना ना भूलिएगा :)