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Sarweshwar Dayal Saxena’s children’s poems are part of our collective childhood. His poems for grown ups too have a candid, reflective quality that speak of his honesty as a writer. His short stories, although relatively lesser known, are just as moving and forthright. In this story, Pullover, he speaks in the voice of a man torn between the emotional tug of memory and the desire to do the right thing. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की बाल कविताएँ हम सभी के बचपन का हिस्सा हैं। बड़ों के लिए लिखी उनकी कवितायें भी ईमानदार और चिंतनशील हैं। उनकी लघु कथाएँ, हालाँकि अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध हैं, उतनी ही मार्मिक और स्पष्ट हैं। यह कहानी, पुलओवर, एक ऐसे व्यक्ति की है जो स्मृतियों के भावनात्मक खिंचाव और सही काम करने की इच्छा के बीच फँसा हुआ है।नमस्कार, मेरा नाम आरती है और मैं Storyjam में हर हफ्ते आपको सुनाती हूँ हिंदी में एक कहानी। अगर आप को कहानियां सुनना अच्छा लगता हैं , तो इस चैनल को सब्सक्राइब ज़रूर करें। धन्यवाद!Hello, I am Arti and you are watching my Youtube Channel, StoryJam.------सर्वेश्वरदयाल सक्सेना का जीवन परिचय सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हिंदी भाषा के प्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार थे। उनका नाम 'तार सप्तक' के महत्वपूर्ण कवियों में आता है, जिसे कविता में प्रयोगवाद की शुरआत ,माना गया है। कविता के अतिरिक्त सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने कहानी, नाटक और बाल साहित्य की रचना भी की औरउनकी रचनाओं का अनेक भाषाओं में अनुवाद भी हुआ। वे आकाशवाणी में सहायक निर्माता, 'दिनमान' के उपसंपादक तथा 'पराग' के संपादक रहे। ‘चरचे और चरखे’ स्तम्भ में 'दिनमान' में छपे आपके लेख विशेष लोकप्रिय रहे। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का साहित्यिक जीवन काव्य से प्रारंभ हुआ लकिन उनके नाटक और कहानिया भी बेहद लोकप्रिय रही । सन 1983 में कविता संग्रह ‘खूँटियों पर टंगे लोग’ के लिए सर्वेश्वर दयाल सक्सेना को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की प्रमुख रचनायें :काव्य – 1. तीसरा सप्तक – सं. अज्ञेय, 1959 2. काठ की घंटियां – 1959 3. बांस का पुल – 1963 4. एक सूनी नाव – 1966 5. गर्म हवाएं – 1966 6. कुआनो नदी – 1973 7. जंगल का दर्द – 1976 8. खूंटियों पर टंगे लोग – 1982 9. क्या कह कर पुकारूं – प्रेम कविताएं 10. कविताएं (1) 11. कविताएं (2) 12. कोई मेरे साथ चले 13. मेघ आये 14 . काला कोयलकथा-साहित्य 1. पागल कुत्तों का मसीहा (लघु उपन्यास) – 1977 2. सोया हुआ जल (लघु उपन्यास) – 1977 3. उड़े हुए रंग – (उपन्यास) यह उपन्यास सूने चौखटे नाम से 1974 में प्रकाशित हुआ था। 4. कच्ची सड़क – 1978 5. अंधेरे पर अंधेरा – 1980 6. अनेक कहानियों का भारतीय तथा यूरोपीय भाषाओं में अनुवादसोवियत कथा संग्रह 1978 में सात महत्वपूर्ण कहानियों का रूसी अनुवाद।नाटक
1. बकरी – 1974 (इसका लगभग सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद तथा मंचन) 2. लड़ाई – 1979 3. अब गरीबी हटाओ – 1981 4. कल भात आएगा तथा हवालात – एकांकी नाटक एम.के.रैना के निर्देशन में प्रयोग द्वारा 1979 में मंचित 5. रूपमती बाज बहादुर तथा होरी धूम मचोरी मंचन 1976यात्रा संस्मरण 1. कुछ रंग कुछ गंध – 1971बाल कविता 1. बतूता का जूता – 1971 2. महंगू की टाई – 1974बाल नाटक 1. भों-भों खों-खों – 1975 2. लाख की नाक – 1979संपादन1. शमशेर (मलयज के साथ – 1971)2. रूपांबरा – (सं. अज्ञेय जी – 1980 में सहायक संपादक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना) 3. अंधेरों का हिसाब – 1981 4. नेपाली कविताएं – 1982 5. रक्तबीज – 1977अन्य
1. दिनमान साप्ताहिक में चरचे और चरखे नाम से चुटीली शैली का गद्य – 1969 से नियमित। 2. दिनमान तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं में साहित्य, नृत्य, रंगमंच, संस्कृति आदि के विभिन्न विषयों पर टिप्पणियां तथा समीक्षात्मक लेख। 3. सर्वेश्वर की संपूर्ण गद्य रचनाओं को चार खण्डों में किताबघर दिल्ली ने छापा है।-----About this channel: Here, you can listen to Hindi and Urdu Stories by famous writers of Hindi sahitya/ literature. Here you will find stories and poetry by great authors of Hindi and Urdu. Some of these are classics and others are rare gems that you may never have heard or read. There are works by well known writers such as Premchand, Sharat Chandra, Manto, Ismat Chughtai, Mohan Rakesh, Phanishwar Nath Renu, Mannu Bhandari, Harishankar Parsai. Some are rare works by Dilip Kumar, Balraj Sahani and Gulzar.
By Arti5
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Sarweshwar Dayal Saxena’s children’s poems are part of our collective childhood. His poems for grown ups too have a candid, reflective quality that speak of his honesty as a writer. His short stories, although relatively lesser known, are just as moving and forthright. In this story, Pullover, he speaks in the voice of a man torn between the emotional tug of memory and the desire to do the right thing. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की बाल कविताएँ हम सभी के बचपन का हिस्सा हैं। बड़ों के लिए लिखी उनकी कवितायें भी ईमानदार और चिंतनशील हैं। उनकी लघु कथाएँ, हालाँकि अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध हैं, उतनी ही मार्मिक और स्पष्ट हैं। यह कहानी, पुलओवर, एक ऐसे व्यक्ति की है जो स्मृतियों के भावनात्मक खिंचाव और सही काम करने की इच्छा के बीच फँसा हुआ है।नमस्कार, मेरा नाम आरती है और मैं Storyjam में हर हफ्ते आपको सुनाती हूँ हिंदी में एक कहानी। अगर आप को कहानियां सुनना अच्छा लगता हैं , तो इस चैनल को सब्सक्राइब ज़रूर करें। धन्यवाद!Hello, I am Arti and you are watching my Youtube Channel, StoryJam.------सर्वेश्वरदयाल सक्सेना का जीवन परिचय सर्वेश्वर दयाल सक्सेना हिंदी भाषा के प्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार थे। उनका नाम 'तार सप्तक' के महत्वपूर्ण कवियों में आता है, जिसे कविता में प्रयोगवाद की शुरआत ,माना गया है। कविता के अतिरिक्त सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने कहानी, नाटक और बाल साहित्य की रचना भी की औरउनकी रचनाओं का अनेक भाषाओं में अनुवाद भी हुआ। वे आकाशवाणी में सहायक निर्माता, 'दिनमान' के उपसंपादक तथा 'पराग' के संपादक रहे। ‘चरचे और चरखे’ स्तम्भ में 'दिनमान' में छपे आपके लेख विशेष लोकप्रिय रहे। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का साहित्यिक जीवन काव्य से प्रारंभ हुआ लकिन उनके नाटक और कहानिया भी बेहद लोकप्रिय रही । सन 1983 में कविता संग्रह ‘खूँटियों पर टंगे लोग’ के लिए सर्वेश्वर दयाल सक्सेना को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की प्रमुख रचनायें :काव्य – 1. तीसरा सप्तक – सं. अज्ञेय, 1959 2. काठ की घंटियां – 1959 3. बांस का पुल – 1963 4. एक सूनी नाव – 1966 5. गर्म हवाएं – 1966 6. कुआनो नदी – 1973 7. जंगल का दर्द – 1976 8. खूंटियों पर टंगे लोग – 1982 9. क्या कह कर पुकारूं – प्रेम कविताएं 10. कविताएं (1) 11. कविताएं (2) 12. कोई मेरे साथ चले 13. मेघ आये 14 . काला कोयलकथा-साहित्य 1. पागल कुत्तों का मसीहा (लघु उपन्यास) – 1977 2. सोया हुआ जल (लघु उपन्यास) – 1977 3. उड़े हुए रंग – (उपन्यास) यह उपन्यास सूने चौखटे नाम से 1974 में प्रकाशित हुआ था। 4. कच्ची सड़क – 1978 5. अंधेरे पर अंधेरा – 1980 6. अनेक कहानियों का भारतीय तथा यूरोपीय भाषाओं में अनुवादसोवियत कथा संग्रह 1978 में सात महत्वपूर्ण कहानियों का रूसी अनुवाद।नाटक
1. बकरी – 1974 (इसका लगभग सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद तथा मंचन) 2. लड़ाई – 1979 3. अब गरीबी हटाओ – 1981 4. कल भात आएगा तथा हवालात – एकांकी नाटक एम.के.रैना के निर्देशन में प्रयोग द्वारा 1979 में मंचित 5. रूपमती बाज बहादुर तथा होरी धूम मचोरी मंचन 1976यात्रा संस्मरण 1. कुछ रंग कुछ गंध – 1971बाल कविता 1. बतूता का जूता – 1971 2. महंगू की टाई – 1974बाल नाटक 1. भों-भों खों-खों – 1975 2. लाख की नाक – 1979संपादन1. शमशेर (मलयज के साथ – 1971)2. रूपांबरा – (सं. अज्ञेय जी – 1980 में सहायक संपादक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना) 3. अंधेरों का हिसाब – 1981 4. नेपाली कविताएं – 1982 5. रक्तबीज – 1977अन्य
1. दिनमान साप्ताहिक में चरचे और चरखे नाम से चुटीली शैली का गद्य – 1969 से नियमित। 2. दिनमान तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं में साहित्य, नृत्य, रंगमंच, संस्कृति आदि के विभिन्न विषयों पर टिप्पणियां तथा समीक्षात्मक लेख। 3. सर्वेश्वर की संपूर्ण गद्य रचनाओं को चार खण्डों में किताबघर दिल्ली ने छापा है।-----About this channel: Here, you can listen to Hindi and Urdu Stories by famous writers of Hindi sahitya/ literature. Here you will find stories and poetry by great authors of Hindi and Urdu. Some of these are classics and others are rare gems that you may never have heard or read. There are works by well known writers such as Premchand, Sharat Chandra, Manto, Ismat Chughtai, Mohan Rakesh, Phanishwar Nath Renu, Mannu Bhandari, Harishankar Parsai. Some are rare works by Dilip Kumar, Balraj Sahani and Gulzar.

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