इस एपिसोड में बताया गया है कि रानी सारंधा जब घोड़े के बदले में अपना मंसब जागीर सब बादशाह के हाथों सौंप कर घोड़ा ले जाती है, यह बात जानकर चंपत राय बहुत दुखी होते हैं और वह वापस ओरछा लौट जाते हैं बादशाह को यह बात दोबारा नहीं होती की रानी सा धंधा उससे उसका घोड़ा ले गई है और वह चंपत राय अर्थात ओरछा में आक्रमण कर देता